Total Pageviews

Monday, January 20, 2025

 तृतीय प्रकृति: अस्तित्व से अस्मिता तक

(NALSA vs. UOI में पढ़े गए तथ्यों का नाट्य रूपांतरण)

Scene 1

(5 Transgenders come on the stage with a girl. They are clapping and singing.)

“अकाल मृत्यु मरता काम करता जो चांडाल का,

काल भी उसका क्या बिगाड़े भक्त जो महाकाल का”

(Then enters a girl named Shubhangi who looks upset)

मंगला (1st TG)- अरे शुभांगी बिटिया, तू उदास क्यों है? अरे तेरी मां और चारों मौसियां तेरी खुशी के लिए ही तो जीती है. 

शुभांगी (the Girl)- अरे मां, स्कूल में सब मुझे चिढ़ाने हैं. कहते हैं तेरी मां न मर्द है न औरत. धरती पर मर्द और औरत ही रहते आए है.

गौरा (2nd TG)- अरे कौन कहता है ऐसा. सुन बिटिया, जो ऐसा कहता है उसको हमारा इतिहास पता ही नहीं है. औरत और मर्द के अलावा तृतीय प्रकृति यानि हम भी तो रहते आए है हमेशा से. अरे, हमारे अस्तित्व पर तो स्वयं भगवान राम ने मुहर लगाई थी.

शुभांगी (the Girl)- अच्छा, वो कैसे मां?

लक्ष्मी (3rd TG)- सुन बिटिया, त्रेता युग की बात है, भगवान राम अपने भाई लक्ष्मण और पत्नी सीता के साथ वनवास को चले. 

Scene 2

(Ram, Lakshman and Sita appear on the stage wearing Gerua. A few people come behind crying and making noise.)

सबलोग एक साथ- प्रभु, आप अयोध्या छोड़कर ना जाएं.

राम- मैं पिता के वचनों से बंधा हुआ हूँ. चौदह वर्ष का वनवास पूरा करके मैं लौट आऊंगा. सभी नर और नारी घर चले जाएं. 

(Ram, Lakshman and Sita go towards another side of the stage and come back. Meanwhile some people leave the stage but two of them are still there.)

1st Person- राजा राम ने सभी नर और नारियों को घर जाने का आदेश दिया है.

2nd person- किन्तु हम न तो नर हैं और न हीं नारी. तो यहीं रुककर प्रभु के आदेश की प्रतीक्षा करते हैं.

(Then Ram, Lakshman and Sita come back)

लक्ष्मण- चौदह वर्षों बाद हम अयोध्या लौटे हैं.

सीता- अरे प्रभु, ये देखिए, ये किन्नर आपकी प्रतीक्षा में चौदह वर्षों से यहीं खड़े हैं.

राम- आप सबकी भक्ति से मैं भावविह्वल हूँ. मैं आपको आशीर्वाद देता हूँ कि आप एक शुभंकर जीव बनेंगे और आप जिसको भी आशीर्वाद देंगे वो फलित होगा.

(All the characters from Ramayan leave the stage. Present characters come centre stage.)

______________________________________________________________________

शुभांगी (the Girl)- अरे वाह मौसी. तुम्हारे अस्तित्व पर तो वाकई भगवान राम ने मुहर लगाई, पर मेरा क्या… सब कहते हैं मैं मां के पेट से नहीं जन्मी.

मंगला (1st TG)- अरे बेटी, तू मेरे पेट से नहीं, मेरे दिल से जन्मी है रे. मेरे भी सीने में मां का दिल है. 

त्रिलोकी (4th TG)- बेटी तुझे पैदा करने वाली मां जब मर गई तो तेरी इस मां ने तुझे गोद ले लिया. ऊपरवाला जानता है बेटी, पूरी ममता से पाला है तुझे तेरी इस मां ने.

शुभांगी (the Girl)- मेरी प्यारी मां. 

    अच्छा मौसी, और कहानी सुनाओ न.

लक्ष्मी (3rd TG)- सुन बिटिया, द्वापर युग में महाभारत युद्ध के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब पांडवों की हार लगभग तय हो चुकी थी.ऐसे समय में राजपुत्र के नरबलि देने की बात आई. इसी समय अर्जुन एवं उलूपी पुत्र इरावन अपनी बलि देने के लिए सामने आया लेकिन उसने एक शर्त रखी कि वो अविवाहित नहीं मरना चाहता. 


Scene 3

(Krishna and Eravan enter the stage)

इरावन- मैं इरावन, अपने कुल की रक्षा के लिए मैं मां काली के सामने अपनी बलि देने को तैयार हूँ, किन्तु मैं अविवाहित नहीं मरूंगा.

कृष्ण- तथास्तु. तुम्हारा विवाह अवश्य होगा.

कृष्ण (थोड़ा आगे बढ़कर)- अब एक दिन की सुहागन और फिर विधवा बनने के लिए तो कोई कन्या तैयार नहीं होगी. अतः, मैं स्वयं स्त्री रूप धारण करुंगा और इरावन से विवाह करूंगा. उसकी मृत्यु के उपरांत मैं विलाप भी करूंगा. कृष्ण के मोहिनी बनने का समय आ गया है. 

(Krishna leaves the stage and enters Mohini. Mohini is holding a mysterious smile and is dancing. She goes to Eravan.)

मोहिनी- मैं आपसे विवाह करने को तैयार हूँ.

(Mohini and Eravan dance together and while dancing they go towards the statue of Goddess Kali. Eravan sacrifices himself and Mohini mourns.)

____________________________________________________________________________


लक्ष्मी (3rd TG)- तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले में इरावन का मंदिर आज भी बना हुआ है.

(The Characters from Mahabharat leave the stage. Present characters come centre stage.)

शुभांगी (the Girl)- बड़ी दिलचस्प कहानी है मौसी. लेकिन इतने समृद्ध इतिहास के बावजूद सबलोग मजाक क्यों उड़ाते हैं ? 

नैना (5th TG)- अरे वो तो अंग्रेजों के राज में हमारी स्थिति खराब हुई. उन्होंने the Criminal Tribes Act, 1871 बनाया जिसके तहत सारे हिजड़ा लोगों को अपराधी मान लिया गया था. 

गौरा (2nd TG)- दुर्भाग्य से आजादी के बाद भी हमारी स्थिति खराब ही रही जबतक NALSA VS. UOI के मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट ने हमारे अस्तित्व पर मुहर नहीं लगा दी. माननीय सुप्रीम कोर्ट ने हमें third gender माना और socially and educationally backward classes of citizens का दर्जा दिया. 

त्रिलोकी (4th TG)- अब तो श्री गौरी सावंत, लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी, अभिना अहर, मंजमा जोगती, शबनम मौसी से लेकर त्रिनेत्र हालदार तक कितने ही हम जैसे लोग हैं जो हमें प्रेरित करते हैं. 

सभी TG एक साथ- तो ये है हमारी यात्रा, अस्तित्व से अस्मिता तक. 

_______________________________

_______________________________

Note:- Boss ordered me to get our students perform a skit on the theme Transgender. First, I was hesitant to write anything due to my negligence on this topic. 

Then, the judgement of Honorable SC rescued me. I read the judgement and wrote everything I learnt from it. Hope, I have not hurt sentiment of anyone. 

Title courtesy:- Saumya Krishna Ma'am 



 तृतीय प्रकृति: अस्तित्व से अस्मिता तक (NALSA vs. UOI में पढ़े गए तथ्यों का नाट्य रूपांतरण) Scene 1 (5 Transgenders come on the stage with a...